प्रश्न 1 - मंगलाचरण में किसे नमस्कार किया है ?
उत्तर - मंगलाचरण में राग - द्वेष रहित ज्ञान केवलज्ञान को नमस्कार किया है ।
प्रश्न 2 - विज्ञान का अर्थ क्या है ?
उत्तर- वि याने विशिष्ट । ज्ञान याने जानना । जो ज्ञान सब पदार्थों को विशेषरूप से एक साथ जानता है वह विशिष्ट ज्ञान याने केवलज्ञान है ।
प्रश्न 3 - मंगल का अर्थ क्या है ?
उत्तर- मंग - सुख , ल - लाति , ददाति - जो सुख को देवे उसे मंगल । कहते हैं । अथवा - मम् - पापं , गल - गालयतीति , जो पाप का नाश करे उसे । मंगल कहते हैं और जो सुख को लाता है उसे मंगल कहते हैं ।
प्रश्न 4 - मंगलाचरण क्यों किया जाता है ?
उत्तर - ( 1 ) निर्विघ्न समाप्ति , ( 2 ) शिष्टाचार पालन , ( 3 ) नास्तिकता का परिहार , ( 4 ) पुण्य की प्राप्ति ,
( 5 ) उपकार के स्मरण के लिये , ( 6 ) शिष्यों के अनुग्रह के लिए , इन कारणों से मंगलाचरण किया जाता है ।
प्रश्न 5 - मंगलाचरण के लाभ बताइये ?
उत्तर - कार्य के आदि में मंगल करने से - शिष्य पारंगत होता है । मध्य में मंगल करने से प्रारम्भ किया कार्य निर्विघ्न पूर्ण होता है । अन्त में मंगल करने से - विद्या एवं विद्या के फल की प्राप्ति होती है ।
प्रश्न 6 - तीन लोक कौन से हैं ?
उत्तर - ( 1 ) ऊर्ध्व लोक , ( 2 ) मध्य लोक , ( 3 ) अधोलोक ।
प्रश्न 7 - लोक किसे कहते हैं ?
उत्तर- जिसमें जीवादि छहों द्रव्य पाये जाते हैं , उसे लोक या लोकाकाश । कहते हैं । छः द्रव्यों के नाम - जीव , पुद्गल , धर्म , अधर्म , आकाश , काला ।
प्रश्न 8 - इस ग्रन्थ का नाम छहढाला क्यों रखा गया ?
उत्तर - जिस प्रकार तीक्ष्ण शस्त्रों के प्रहार को रोकने वाली ढाल होती है , उसी प्रकार जीव के अहितकारी शत्रु मिथ्यात्व , रागादि आरबों का तथा अज्ञानांधकार को रोकने के लिए ढाल के समान इसमें छह प्रकरण है , जो छह प्रकार के छन्दों में लिखे गये हैं । इसलिए इस ग्रन्थ का नाम छहढाला रखा गया है ।