शांतिनाथ भगवान जी की आरती

 शांतिनाथ भगवान की हम आरती उतारेंगे

आरती उतारेंगे हम आरती उतारेंगे

आरती उतारेंगे हम आरती उतारेंगे

शांतिनाथ भगवान

 

हस्तिनापुर में जनम लिये हे प्रभु देव करे जयकारा हो 

जन्म महोत्सव करें कल्याणकनाचे झूमे गाये हो 

ऐसे अवतारी की अब हम आरती उतारेंगे  शांतिनाथ भगवान

 

धन्य है माता ऐरा देवी तुम्हें जो गोद उठाईं है 

विश्वसेन के कुलदीपक ने ज्ञान की ज्योति जगाई है 

ऐसे अवतारी की अब हम आरती उतारेंगे  शांतिनाथ भगवान

 

पंचम चक्रवर्ती पद पायेजग सुख बढा अपार था 

द्वादस कामदेव अति सुन्दर जग में बढा ही नाम था 

ऐसे अवतारी की अब हम आरती उतारेंगे  शांतिनाथ भगवान

 

शांति नाथ प्रभु शांति प्रदाता शुचिता सुख अपार दो 

जनम मरण दुःख मेटो प्रभुजी लेना शरण में आप हो 

ऐसे अवतारी की अब हम आरती उतारेंगे 

शांतिनाथ भगवान की हम आरती उतारेंगे

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