मैं तेरे ढिंग आया रे

 मैं तेरे ढिंग आया रे

तर्जमैं उनकी बन जाऊं रे….

मैं तेरे ढिंग आया रेपद्म तेरे ढिंग आया,

मुख मुख से जब सुनी प्रशंसाचित मेरा ललचाया,

चित मेरा ललचाया रेपद्म तेरे ढिंग आया ॥

 

चला मैं घर से तेरे दरश को,

वरणूं क्या वरणूं क्या,वरणूं क्या मैं मेरे हरष को,

मैं क्षण क्षण में नाम तिहारारटता रट्ता आया

रटता रट्ता आया रे ...पद्म तेरे ढिंग आया ॥

 

पथ में मैंने पूछा जिसको,

पाया तेरापाया तेरापाया तेरा दर्शक उसको,

यह सुन सुन मन हुआ विभोरितमग नहीं मुझे अघाया

मग नही मुझे अघाया रे ... पद्म तेरे ढिंग आया ॥

 

सन्मुख तेरे भीड लगी है,

भक्ति कीभक्ति कीभक्ति की इक उमंग जगी है,

सब जय जय का नाद उचारेशुभ अवसर यह पाया,

शुभ अवसर यह पाया रे ...पद्म तेरे ढिंग आया ॥

 

सफ़ल कामना कर प्रभू मेरी,

पाऊं मैंपाऊं मैंपाऊं मैं चरण रज तेरी,

होगी पुण्य वृद्धि आशा हैदरश तिहारा पाया,

दरश तिहारा पाया रे...पद्म तेरे ढिंग आया ॥

 

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