जैन धर्म के हीरे मोती - Jain dharam ke hire moti

 जैन धर्म के हीरे मोती, मैं बिखराऊं गली गली


ले लो रे कोइ प्रभु का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली


 


दौलत की दीवानों सुन लो, एक दिन ऐसा आयेगा,


धन दौलत और माल खजाना, पडा यहीं रह जायेगा,


सुन्दर काया मिट्टी होगी, चर्चा होगी गली गली ॥ ले लो रे...


 


क्यों करता तू तेरी मेरी, तज दे उस अभिमान को।


झूंठे झगडे छोड के प्राणी, भज ले तू भगवान को।


जग का मेला दो दिन का, अंत में होगी चला चली॥ ले लो रे.


 


जिन जिन ने ये मोती लूटे, वे ही माला माल हुए।


दौलत के जो बने पुजारी, आखिर में कंगाल हुए ।


सोने चांदी वालों सुन लो, बात कहूं मैं भली भली ॥ ले लो रे.


 


जीवन में दुख है तब तक ही, जब तक सम्यकज्ञान नहीं।


ईश्वर को जो भूल गया, वह सच्चा इंसान नहीं।


दो दिन को ये चमन खिला है, फ़िर मुर्झाये कली कली ॥ले...

01