प्रार्थना
हे प्रभु ज्ञान का दान दो , हम सभी की यही वंदना ।
दूर दुर्गुण सभी तुम करो , हम सभी की यही प्रार्थना ॥ टेक ॥
धर्म रक्षा में हम प्राण दें , न अधर्मी कभी हम बनें ।
झूठे वैभव को हम त्याग कर , सर्वथा सत्य राही बनें ।
न कभी हमको अभिमान हो , बस यही एक आराधना ।
हे प्रभु ज्ञान का दान दो , हम सभी की यही वंदना । । 1 ॥
सदाचारी रहें हम सदा , और सदाचार हो सम्पदा ।
न रहे मन में ईया कभी , प्रीत की ही बहे नर्मदा ॥
छल कपट से रहें दूर हम , मिलके करते यही कामना ।
हे प्रभु ज्ञान का दान दो , हम सभी की यही वंदना । । 2 । ।
लाखों बाधायें आयें तो क्या , लोभ भरमाये हमको तो क्या ।
जिसे मिल जाये तेरी शरण , धैर्य छूटेगा उसका कहाँ ।
हम भक्तों को तुमसे प्रभो , यही वरदान तो मांगना ।
हे प्रभु ज्ञान का दान दो , हम सभी की यही वंदना । । 3 ॥